Published Date : 28-08-2022
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Publisher : Online Carry Bag
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पाइल्स एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके बारे में लोग एक दूसरे से खुलकर बात तक करने से कतराते है, यहाँ तक की इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाने में भी हिचकिचाते हैं l जिसके कारण वे अंदर ही अंदर इस बीमारी से जूझते रहते हैं l
पाईल्स से पीडित व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ मानसिक तकलीफ भी झेलनी पडती है, और इसका कारण इस बीमारी के लक्षण है जैसे मल के साथ खून आना, गुदाद्वार पर खुजली, दर्द, सूजन इत्यादि l
इन सारी परेशानियों के चलते रोगी किसी न किसी उपचार को लेना शुरू कर देता है जिससे कई बार कुछ समय के लिए रोगी को थोड़ा आराम भी मिल जाता है l लेकिन कुछ समय बाद यह समस्या फिर से और अधिक जटिल हो कर उसे परेशान करने लगती है, जिसका मुख्य कारण पाइल्स के मसो का अपने स्थान पर फिर से सक्रिय हो जाना होता है अतः जब तक हम इन्हे जड़ से बहार निकाल कर हमेशा के लिए ख़त्म नहीं कर देते है l ये जीवन पर्यन्त शारीरिक पीड़ा का पर्याय बने रहते है; अक्सर इन्हे हटाने के लिए डॉक्टर्स ऑपरेशन की सलाह देते है लेकिन ऑपरेशन के माध्यम से पाइल्स के मसो का सिर्फ बाहरी हिस्सा जो दिखाई दे रहा होता है काट कर अलग कर दिया जाता है मगर इनकी जड़े अंदर ही रह जाती है जिससे ये फिर से सक्रीय हो जाते है और कटा हिस्सा एक सुराग (छेंद) में तब्दील हो जाता है जिससे मवाद, खून यहाँ तक की मल भी आने लगता है अब इस स्थिति को भकन्दर यानि फिस्टुला के नाम से जाना जाता है यानि पाइल्स से बड़ी एक और नई मुसीबत l
पाइल्स को जड़ से खत्म करने और रोगी को भकन्दर जैसी गंभीर स्थिति से बचाने का सिर्फ एक ही इलाज है जो "फार्मा साइंस द इंडियन आयुर्वेदा" द्वारा सदियों के अनुसन्धान व प्रयोगो से तैयार किया गया है जिसे "एंटी पाइल्स कम्पलीट रेसोलुशन" के नाम से जाना जाता है यह ईलाज मात्र 15 दिनों के अंदर ही पाईल्स को जड से खत्म कर देता है l साथ ही यह उपचार 100% मनी बैक गारंटी बेस्ड है l
( नोट :- लेकिन ऐसी स्थिति में अगर रोगी 15 दिनों का समय इस विशिष्ट इलाज के लिए नहीं निकाल पता है उस स्थिति में फार्मा साइंस द्वारा इसके वैकल्पिक इलाज भी तैयार किये गए है जिन्हे "एंटी पाइल्स लॉन्ग रिलीफ " और "एंटी पाइल्स ब्लड कण्ट्रोल" के नाम से जाना जाता है जिनके माध्यम से भी रोगी को एक लम्बी समयावधि तक बवासीर की तकलीफ से आराम मिल जाता है।)
औषधि के घटक :
"एंटी पाइल्स कम्पलीट रेसोलुशन" के इलाज को दो चरणों में किया जाता है, उपयोग में लाये जाने वाले घटक इस प्रकार है l
पहला चरण के घटक : गेरू, कॉसिस, गुगुलु, हरताल भस्म, धाय पुष्प, कमल, प्रियंगु, लोध्र l
दूसरा चरण के घटक : हरिद्रा, मैदा, स्वेत पर्पटी, घृत, रक्त चन्दन, शाल्मली निर्यास, नारियल तेल l
उपचार का तरीका :
बवासीर का उपचार अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा दो चरणों में किया जाता है l पहले चरण में रोगी के बवासीर के मसो पर 7 दिनों तक औषधि लेप को लगाया जाता है जिससे बवासीर के मसे फूल कर बाहर आ जाते है l दूसरे चरण की प्रक्रिया भी 7 दिनों की होती है इस प्रक्रिया में उपयोग में लाई गई औषधि अत्यधिक प्रभावशाली होती है इसे लगाने से बवासीर के मसे सूख कर जड़ से गिर जाते है और रोगी पूर्णतः ठीक हो जाता है l